प्रश्न ज्योतिष की विधा बहुत पुरानी है। इसमें व्यक्ति ज्योतिषाचार्य से प्रश्न पूछता है और ज्येातिषाचार्य उस समय की कुंडली बनाता है और प्रश्न के आधार पर गणना करता है। प्रश्न और समय की कुंडली के तालमेल से यह तय करता है कि जातक को सकारात्मक जवाब दिया जाए या नकारात्मक। ऐसे प्रश्न जिनका जवाब 'हां' या 'ना' में दिया जा सके या फिर एक शब्द में दिया जा सके उसके लिए यह विधा बहुत अच्छे और सटीक परिणाम देती है।
इसमें जो कुंडली बनाई जाती है उसे प्रश्न कुंडली कहते हैं।
प्रश्न कुंडली से जवाब प्राप्त करने के लिए कैसे प्रश्न होने चाहिए।
ऐसे प्रश्न न पूछे जिनका जवाब विस्तृत हों जैसे
क्योंकि विस्तृत जवाब के लिए रिपोर्ट सुविधा होती है।