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सुनेहला रत्‍न

विवरण


अंग्रेजी में इसे Citrine के नाम से जानते हैं। यह पीले रंग का बहुत सुंदर और चमकदार रत्‍न होता है। यह पुखराज का उपरत्‍न होता है। कम कीमत और ज्‍योतिषीय रूप से प्रभावकारी होने के कारण यह बहुत अधिक धारण किया जाता है।

सुनेहला मुख्‍य रूप से बैंकॉक अफ्रीका और ब्राजील में पाया जाता है।

वैज्ञानिक संरचना

यह क्‍वार्टज श्रेणी का रत्‍न है जो कि पीले रंग का होता है। इसकी वैज्ञानिक संरचना क्‍वार्टज के समान ही होती है। यह मजबूती में हीरे के बाद दूसरे नम्‍बर पर आता है।  

वेदिक ज्‍योतिष और सुनेहला

वेदिक ज्‍योतिष में सुनेहला को ग्रह बृहस्‍पति का रत्‍न कहा जाता है। सामान्‍य रूप से गुरू बृहस्‍पति के शुभ प्रभावों को प्राप्‍त करने के लिए इसे धारण करने की सलाह दी जाती है।

ऐसे व्‍यक्ति जो किसी कारण से पुखराज नहीं धारण कर सकते वो सुनहला धारण करते हैं।

पश्‍चिमी ज्‍योतिष और सुनेहला

पश्चिमी ज्‍योतिष के आधार पर यह नवंबर माह का बर्थ स्‍टोन है। पश्‍चिमी मान्‍यता के अनुसार इसे सूर्य का उपहार माना जाता है। अत: ऊर्जा,शक्ति आदि के लिए इसे धारण करने की सलाह दी जाती है। इसके अलावा अत्‍यधिक बीमार रहने वाले को भी पश्चिम में सुनहला धारण कराया जाता है।  

कौन कर सकता है धारण

सुनेहला के शुभ प्रभावों के कारण आम तौर पर इस रत्‍न को लोग बिना डर के धारण कर लेते हैं।

इसके अलावा यदि गुरू की महादशा या अंतरदशा के दौरान सम्‍मान और व्‍यापार में नुकसान हो रहा हो और किन्‍हीं कारणों से पुखराज नहीं धारण कर सकते हों तो सुनहला पहनना चाहिए।

धार्मिक कार्यक्रमों से जुड़े लोग धर्म ग्रंथ आदि का पाठ करने वाले लोग भागवत कहने वाले लोग फिजीशियन डॉक्‍टर यदि पुखराज की जगह इसको ही धारण करें तो उन्‍हें भी लाभ मिलता है।

लड़कियों में यदि विवाह की परेशानी हो या दाम्‍पत्‍य जीवन में सही प्रकार से सम्‍मान न मिलता हो, सांस्‍कृतिक कार्यक्रमों में बार बार रूकावट आती हो तो भी सुनहला धारण करना चाहिए।

ऐसा प्रत्‍येक व्‍यक्ति जो पुखराज धारण करना चाहता है किन्‍तु किन्‍हीं कारणों से इसे धारण नहीं कर पा रहा है उसे इन रत्‍न को अवश्‍य धारण करना चाहिए।   

कितना वजन का पहनें नीलम

इसे शरीर के वजन का 10वां हिस्‍से के बराबर भार का धारण किया जाता है। ज्‍योतिष विज्ञान की कुछ थ्‍योरी यह भी कहती है कि सुनेहला 5.25 रत्‍ती से ज्‍यादा धारण करना चाहिए इसके अलावा अगर बहुत उच्‍च स्‍तर का सुनेहला हो तो वह कम से कम धारण करने पर भी प्रभावकारी होता है।

सुनेहला रत्‍न खरीदते समय सावधानियां:

सुनेहला से लाभ

सुनेहला शुभ फल देने वाला रत्‍न है और यह गुरू बृहस्‍पति के अच्‍छे फल प्राप्‍त करने के लिए धारण किया जाता है।

मान सम्‍मान में बढोत्‍तरी:

गुरू सम्‍मान का हकदार होता है और ऐसा ही सम्‍मान सुनेहला धारण करने वाले को प्राप्‍त होता है।

उच्‍चपदासीन लोगों से संबंध:

सुनेहला धारण करने से आपके संबंध उच्‍चपदासीन लोगों से होते हैं।

आध्‍यात्‍मिक आनंद:

गुरू का रत्‍न धारण करने से व्‍यक्ति की रुचि आध्‍यात्‍मिक चीजों की ओर बढ़ती है।  

जीवनशैली में सुधार:

सुनेहला धारण करने के बाद लोग इस बात को लेकर सचेत हो जाते हैं कि लोगों के हृदय में उनकी छवि कैसी बन रही है। इस कारण से वह अपनी जीवनशैली में सुधार लाते हैं।  

मजबूत पाचन और स्‍वस्‍थ शरीर:

गुरू बृहस्‍पति हमारे पेट से संबंधित ग्रह होते हैं। इनका रत्‍न धारण करने से वृहस्‍पति की समारात्‍मक ऊर्जा मिलती है और पाचन तंत्र से संबंधित परेशानियां दूर हो जाती है।

सकारात्‍मक जीवन:

सुनेहला धारण करने के बाद व्‍यक्ति सिर्फ अपने सम्‍मान और उदारता के विषय में ही विचार करता है जिससे जीवन में सकारात्‍मकता आती है।

उत्‍पत्ति के आधार पर सुनेहला:  

ब्राजील में पाया जाने वाला सुनहला सुंदर होता है इसलिए इसकी कीमत 600 रू प्रति कैरेट से शुरू होती है और 3000 रू प्रति कैरेट तक होती है। लेकिन अफ्रीकन सुनेहला 200 रू प्रति कैरेट से शुरू होता है और 1000 रू प्रति कैरेट तक का होता है।