विवरण
बुध ग्रह से संबंधित चार मुखी रुद्राक्ष ब्रह्मंड के रचियता ब्रह्मा जी का प्रतीक माना जाता है। बुध और ब्रह्म देव से इसका संबंध इसे हर उस व्यक्ति के लिए उपयुक्त बनाता है जो सृजन से संबंधित काम करते हों। सेल्स या ऐसा कोई भी काम जहां आपकी स्किल की जरूरत हो वहा इसकी शक्ति काम आती है।
- मंत्र: ऊं ह्रीं नम: मंत्र से अभिमंत्रित इस रुद्राक्ष को धारण करने के बाद यदि प्रात: केवल 11 बार भी इस मंत्र का जाप किया जाए तो इसका प्रभाव कई गुना ज्यादा होकर मिलता है।
- देवता: ब्रह्मा देव सृजन के देवता है और उनकी शक्तियां इस रूद्राक्ष में समाहित हैं। अत: यदि कोई क्रिएटिव काम करते हैं तो इस रूद्राक्ष को धारण करके अवश्य देखिए आपको अपनी कला में कई गुना बढोत्तरी दिखाई देगी।
- ग्रह: बुध ग्रह से संबंधित रूद्राक्ष होने के कारण ये बुध के शुभ फल देता है।
- राशि: मिथुन और कन्या राशि वालों के लिए यह भाग्यवर्धक होता है।
- उत्पत्ति: नेपाल के पहाडि़यों में इसकी उत्पत्ति हुई है।
लाभ
- कला अध्ययन और सेल्स से जुडे क्षेत्र में यह बहुत लाभकारी होता है।
- बच्चे जो पढ़ाई में ध्यान नहीं लगा पाते है उनके लिए यह वरदान जैसा है।
- प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वाले हर व्यक्ति हो अपना बेहतर प्रदर्शन देने के लिए इस रुद्राक्ष को अवश्य धारण करना चाहिए।
- मानसिक शांति, मन को विचलन से रोकना और काम पर लगाना यदि आपका लक्ष्य यह है तो इससे बेहतर कोई दूसरा उपाय हो ही नहीं सकता।
- बच्चों की पढ़ाई लिखाई में अगर समस्या आ रही हो तो भी इसे धारण करना लाभकारी होता है।
कैसे करें धारण
कैसे और कब धारण करना है इसकी संपूर्ण जानकारी लिख कर भेजी जाती है।