विवरण
भगवान शिव का यह रत्न प्रकृति के साथ मिलकर मानव जीवन को नित नए आशीर्वाद देने के प्रयास में करता है। प्रकृति का ऐसा ही एक आशीर्वाद है गर्भगौरी रुद्राक्ष। इस रुद्राक्ष में प्राकृतिक रूप से दो रुद्राक्ष जुड़े होते हैं जिसमें से एक छोटा और दूसरा बड़ा होता है।
यह रुद्राक्ष गर्भगौरी कहा गया और ऐसी मान्यता और दृढ विश्वास है कि इस रुद्राक्ष को धारण करने से संतान उत्पत्ति में आ रही समस्या दूर होती है और मातृ सुख की प्राप्ति होती है।
गर्भ गौरी रुद्राक्ष के लाभ
- प्रयासों के बाद भी अगर मातृ सुख नहीं प्राप्त हो रहा हो तो इस उपाय को धारण करना चाहिए।
- गर्भ गौरी रुद्राक्ष धारण करने वाला व्यक्ति हमेशा प्रसन्न रहता है।
- यह धारण करने वाले व्यक्ति को प्रोडक्टिव बनाता है अर्थात इसके प्रभाव से व्यक्ति निर्रथक कार्य से बचता है और अपना समय जीवन को सार्थक बनाने में लगाता है।
- यदि किसी माता पिता का अपने बच्चों से सही सम्बंध न हो तो इसे धारण करने से आपके रिश्तो में सुधार आता है।
कैसे करें प्रयोग:
- रुद्राक्ष पूर्ण रूप से अभिमंत्रित और प्राण प्रतिष्ठित हो तभी यह अपना प्रभाव दिखाता है।
- शुभ गहना से प्राप्त होने वाला यह गर्भ गौरी रुद्राक्ष पूर्ण रूप से अभिमंत्रित होता है और प्रयोगशाला से प्रमाणित होता है।
- इसे गले में लॉकेट के रूप में धारण करते हैं अथवा आप इसे मंदिर में रखकर विधि पूर्वक इसका पूजन करें तो इसके संपूर्ण फल प्राप्त होते हैं।
- इसको धारण करने अथवा इसको स्थापित कर पूजन करने की संपूर्ण विधि शुभ गहना के अनुभवी कर्मकांड विशेषज्ञों के दिशा निर्देश में लिख कर भेजी जाती है। जिससे आप इसका संपूर्ण लाभ ले सकें।