इसे अंग्रेजी में Iolite कहते हैं। इसका रंग नीला होता है इसलिए इसे नीली के नाम से जाना जाता है। यह नीलम का उपरत्न है। कटेला के बाद यह सबसे ज्यादा पहना जाने वाला उपरत्न है।
वैज्ञानिक रूप से नीली
वैज्ञानिक रूप से यह मैग्निशियम आयरन एल्युमीनियम क्रिस्टेलोसिलिकेट कहा जाता है। इसमें आयरन और मैग्निशीयम की प्रचुरता होती है।
वेदिक ज्योतिष और नीली
नीली को शनि के उपरत्न की तरह धारण करवाया जाता है। जब जातक पर शनि के प्रभाव पड़ रहे हो और वह उससे बाहर आना चाहता हो किन्तु कुंडली अनुसार नीलम धारण करना वर्जित हो तो नीली धारण किया जाता है।
यदि कोई व्यक्ति नीलम के महंगे दाम के कारण उसे धारण करने की क्षमता न रखता हो तो भी वह नीली धारण कर सकता है।
पश्चिमी ज्योतिष और नीली
पश्चिमी ज्योतिष में इसे जनवरी माह का बर्थ स्टोन कहा गया है। यह जनवरी में पैदा हुए लोगों के लिए लकी होता है। इसे सम्पन्नता आजादी सच्चाई और आत्म सम्मान के लिए धारण करवाया जाता है।
कौन कर सकता है धारण
हर वह व्यक्ति जो शनि के शुभ फल लेना चाहता है और किसी न किसी कारण से वह नीलम धारण नहीं कर पा रहा हो तो उन्हें नीली धारण करना चाहिए।
इसे भी शनि की साढे साती और ढैया के समय में शनि के दुष्प्रभावों से बचने के लिए भी धारण किया जाता है।
इसे नीलम के स्थान पर भी धारण किया जाता है।
कितना वजन का पहनें नीली
वजन का दसवां हिस्सा या फिर 6 कैरेट के ऊपर कुछ भी धारण करेंगे तो इससे शुभ फल अवश्य प्राप्त होंगे।
नीली रत्न खरीदते समय सावधानियां:
अगर ज्योतिषीय प्रभाव के लिए नीली धारण कर रहे हैं तो किसी अनुभवी ज्योतिषाचार्य से सलाह अवश्य लें।
नीली हमेशा लैब से सर्टिफाइड ही लेना चाहिए। यह जरूर जांच लें कि लैब जो सर्टिफिकेट जारी कर रही है उसमें अपना पूरा पता दे रही है या नहीं।
नीली खरीदने से पहले उसके प्रकार का अध्ययन कर लें क्योंकि बाजार में कई प्रकार के नीली उपलब्ध हैं। तो यह तय करना जरूरी है कि आपको कौन सा नीली धारण करना है।
नीली खरीदते समय सबसे ज्यादा कन्फ्यूजन उसकी कीमत को लेकर ही होती है। कुछ काफी सस्ते तो कुछ बेशकीमती होते हैं ऐसे में जरूरी है कि आप अपना बजट तय करें और उस बजट में रत्न खरीदें।
Online नीली खरीद रहें हैं तो एक बार वेबसाइट की रिर्टन और रिप्लेसमेंट पॉलिसी जरूर पढ़ें और रत्न का सेंपल सर्टिफिकेट भी जरूर देंखे।
बेहतर हो की नीली खरीदने से पहले Iolite Online Buy करने से पहले वेबसाइट के कस्टमर केयर में जरूर बात कर लें उसके बाद ही नीली खरीदें।
नीली से लाभ
वेदिक ज्योतिष के अनुसार जो लाभ व्यक्ति को नीलम धारण करके होते हैं वही लाभ व्यक्ति को नीली से होंगे लेकिन लाभ की इंटेंसिटी थोड़ी कम होगी।
सामाजिक सम्मान:
शनि देव के प्रभाव से समाज में आपका सम्मान बढ़ता है। लोगों के बीच आपकी छवि एक न्याय प्रीय व्यक्ति की बनती है। लोगों के बीच आपका और आपकी बातों का महत्व बढ़ता है।
उच्च पद देता है:
शनि देव की कृपा से धारण करने वाले व्यक्ति को हर जगह उच्च पद प्राप्त होता है।
सम्पन्नता:
शनि देव दैनिक जीवन की जरूरी चीजों के स्वामी ग्रह है। शनि देव प्रसन्न होते हैं तो व्यक्ति को कभी किसी चीज की कमी नहीं रहती है। वह जरूरत की हर चीज को प्राप्त करता है और जीवन बिना किसी कठिनाई के गुजारता है।
मेहनत का संपूर्ण फल:
शनि देव न्याय के देवता हैं और इसी कारण से नीली धारण करने वाले व्यक्ति को उसके कार्य का संपूर्ण फल प्राप्त होता है। वह कुछ भी करे सफलता अवश्य मिलती है।
मजबूत हड्डियां और स्वस्थ शरीर:
शनि देव मानव शरीर की हड्डियां से संबंधित है तो शनि देव के सकारात्मक प्रभाव से मानव शरीर की हड्डियां मजबूत होती है और शरीर को शक्ति प्राप्त होती है।
दृढ़ संकल्प और सकारात्मकता:
शनि देव के प्रभाव शुभ प्रभाव हो तो व्यक्ति अपने लक्ष्य के प्रति तेजी से आगे बढ़ता है। आलस्य और ढीलापन छूकर नहीं गुजरता और व्यक्ति दृढ़ संकल्पी बनता है। हर काम को ऐसे व्यक्ति सकारात्मक रवैये से करते हैं तभी सफलता और लोकप्रीयता प्राप्त करते हैं।
उत्पत्ति के आधार पर नीली:
नीली भारत श्रीलंका ऑस्ट्रेलिया बर्मा तंजानिया आदि कई देशों में मिलता है। भारतीय बाजार में यह 300 रू प्रति कैरेट से 2500 रू प्रति कैरेट तक की कीमत में उपलब्ध होता है।