अंग्रेजी में इसे Opal ही कहा जाता है। यह शुक्र ग्रह से संबंधित रत्न होता है और शुक्र ग्रह के मुख्य रत्न हीरे का उपरत्न है। हीरा बहुत महंगा होने के कारण आज ओपल का इस्तेमाल ज्योतिषीय उपाय के रूप में बहुत ज्यादा होने लगा है।
वैज्ञानिक संरचना
ओपल सिलिका का हाइड्रेटेड एमॉरफस रूप है। जिसमें 3 से 21 प्रतिशत तक का वाटर कंटेंट पाया जाता है। इसका स्वरूप भी क्रिस्टलाइन नहीं होता है इस कारण से ही यह बहुत कोमल रत्न होते हैं और बहुत आसानी से थोड़ी सी ही चोट से टूट जाते हैं।
वेदिक ज्योतिष और ओपल
वेदिक ज्योतिष में ओपल को शुक्र ग्रह का रत्न है। इसे शुक्र ग्रह के अच्छे फल प्राप्त करने के लिए धारण कराया जाता है। शुक्र ग्रह सुंदरता और भौतिक सुखों का ग्रह है।
शुक्र ग्रह शारीरिक सुख देता है और पुरूषों में विवाह के लिए भी शुक्र जिम्मेदार होता है। अत: शुक्र के इन प्रभावों को प्राप्त करने के लिए ओपल धारण किया जाता है।
यह व्यक्ति में सुंदरता सज संवर कर रहने की आदत जैसे गुणों को पैदा करता है ऐसे लोगों का आकर्षण स्वत: ही बढ़ता है।
पश्चिमी ज्योतिष और ओपल
पश्चिमी ज्योतिष के आधार पर ओपल रत्न को अक्टूबर माह का स्टोन कहा जाता है। इस माह में जन्में लोगों के लिए यह लकी स्टोन होता है। इसे 14 वीं सालगिरह में उपहार स्वरूप देना बहुत शुभ मानते हैं।
कौन कर सकता है धारण
यह शुक्र का रत्न है और शुक्र सुंदरता, नाम और शोहरत, प्यार दिलाने वाला ग्रह है। यह हर प्रकार के भौतिक सुखों का भोग कराता है। इसलिए सुखों की कामना है तो ओपल अवश्य धारण करें।
अगर शुक्र की महादशा चल रही हो या अंतरदशा हो तो भी इसे धारण करना बहुत अच्छे फल देता है।
शुभ फल देने की स्थिति में होने के बाद भी अगर शुक्र के शुभ फल न मिल रहे हों तो भी इसे अवश्य धारण करना चाहिए।
कितना वजन का पहनें ओपल
ओपल प्रभावशाली रत्न है अत: कुछ ज्योतिषाचार्य इसे शरीर के वजन का 12वां हिस्सा धारण करवाते हैं तो कुछ 10वां हिस्सा। ज्योतिष विज्ञान की कुछ थ्योरी यह भी कहती है कि ओपल 5.25 रत्ती से ज्यादा धारण करना चाहिए इसके अलावा अगर बहुत उच्च स्तर का ओपल हो तो वह कम से कम धारण करने पर भी प्रभावकारी होता है।
ओपल रत्न खरीदते समय सावधानियां:
अगर ज्योतिषीय प्रभाव के लिए ओपल धारण कर रहे हैं तो किसी अनुभवी ज्योतिषाचार्य से सलाह लें।
ओपल हमेशा लैब से सर्टिफाइड ही लेना चाहिए। यह जरूर जांच लें कि लैब जो सर्टिफिकेट जारी कर रही है उसमें अपना पूरा पता दे रही है या नहीं।
ओपल खरीदने से पहले उसके प्रकार का अध्ययन कर लें क्योंकि बाजार में कई प्रकार के ओपल उपलब्ध हैं। तो यह तय करना जरूरी है कि आपको कौन सा धारण करना है।
खरीदते समय सबसे ज्यादा कन्फ्यूजन उसकी कीमत को लेकर ही होती है। कुछ काफी सस्ते तो कुछ बेशकीमती होते हैं ऐसे में जरूरी है कि आप अपना बजट तय करें और उस बजट में रत्न खरीदें।
Online ओपल खरीद रहें हैं तो एक बार वेबसाइट की रिर्टन और रिप्लेसमेंट पॉलिसी जरूर पढ़ें और रत्न का सेंपल सर्टिफिकेट भी जरूर देंखे।
बेहतर हो की ओपल खरीदने से पहले Online Buy Opal करने से पहले वेबसाइट के कस्टमर केयर में जरूर बात कर लें उसके बाद ही ओपल खरीदें।
ओपल से लाभ
अगर कुंडली के अनुसार अनुभवि ज्योतिषाचार्य से परामर्श लेकर ओपल धारण किया जाए तो यह बहुत तेजी से आपको शुभ फल देता है। इसे बिना परामर्श भी यदि धारण कर लिया जाए तो भी यह किसी प्रकार का नुकसान नहीं पहुंचाता:
भौतिक सुखों में बढोत्तरी:
शुक्र ग्रह को मजबूती मिलने पर व्यक्ति हर प्रकार के भौतिक सुखों को भोगता है। आलीशान मकान, नौकर चाकर, बड़ी गाड़ी, होटलों में रहना और पांच सितारा जीवन ये सब देने वाला ग्रह शुक्र ही है।
मीडिया अथवा कला में ख्याति:
मीडिया ग्लेमर और कला में सफलता के लिए भी ओपल धारण करना बहुत लाभकारी सिद्ध होता है।
खुशहाल शादीशुदा जीवन:
प्रेम के ग्रह शुक्र का रत्न होने के कारण यह दाम्पत्य जीवन में सुखों का संचार करता है। जोडें का एक दूसरे के प्रति सम्मान बढ़ता है तथा रिश्ते में घनिष्ठता आती है।
उत्पत्ति के आधार पर ओपल :
ओपल ऑस्ट्रेलिया और इथोपिया में पाया जाता है।
ऑस्ट्रेलियन ओपल : सफेद से लेकर फायरी ओपल तक ऑस्ट्रेलिया से आते हैं। यह ओपल क्वालिटी और सुंदरता दोनों में अच्छे होते हैं। इसकी कीमत की शुरूआत 500 रू प्रति कैरेट से 28000 रू प्रति कैरेटे के बीच की होती है।
इथोपियन ओपल : यह ओपल ऑस्ट्रेलियन ओपल से थोड़ा सा मंहगा होता है। यह भी अपनी सुंदरता के आधार पर कम या अधिक कीमत में उपलब्ध होते हैं लेकिन सामान्य रूप से 1500 रू प्रति कैरेट से शुरू होकर 45000 रू प्रति कैरेट या उससे अधिक होता है।