अंग्रेजी में इसे Pearl ही कहा जाता है। यह चंद्रमा ग्रह से संबंधित रत्न होता है। मोती कल्चर भी किए जाते है और प्राकृतिक रूप से समुद्र में सीपियों द्वारा बनाए भी जाते हैं।
वैज्ञानिक संरचना
मोती कैल्शियम कार्बोनेट होता है। यह प्राकृतिक रूप से समुद्र में सीपी में बनता है। इसकी बढ़ती डिमांड के कारण अब मोती की खेती भी शुरू हो चुकी है।
वेदिक ज्योतिष और मोती
वेदिक ज्योतिष में चंद्रमा सबसे महत्वपूर्ण ग्रह माना गया है और मोती उसी चंद्रमा का रत्न है। इसे चंद्रमा ग्रह के अच्छे फल प्राप्त करने के लिए धारण कराया जाता है। चंद्रमा ग्रह मन और एकाग्रता का ग्रह है।
वेदिक ज्योतिष में चंद्रमा को बहुत महत्वपूर्ण ग्रह माना जाता है। व्यक्ति को मिलने वाला राशि नाम चंद्रमा की स्थिति के अनुसार ही दिया जाता है। वेदिक ज्योतिष में ऐसा माना जाता है कि चंद्रमा की जन्म के समय स्थिति यह तय करती है कि बालक वैचारिक रूप से कैसा होगा और उसकी मानसिक स्थिति कैसी होगी।
यह देखा गया है कि जिन बच्चो को जन्म के बाद से ही परेशानियां और बीमारियां घेर लेती हैं उनकी कुंडली में चंद्रमा बहुत कमजोर होता है।
पश्चिमी ज्योतिष और मोती
पश्चिमी ज्योतिष के आधार पर मोती रत्न को जून माह का स्टोन कहा जाता है। इस माह में जन्में लोगों के लिए यह लकी स्टोन होता है। इसे डिप्रेशन और अत्यधिक थकान होने पर हीलिंग स्टोन के तर्ज पर भी धारण करने की सलाह पश्चिम ज्योतिष पद्धति मे दी जाती है।
कौन कर सकता है धारण
यह चंद्रमा का रत्न है और चंद्रमा मातृ सुख एकाग्रता और मन का कारक है इसलिए इनसे संबंधित लाभ प्राप्त करने के लिए चंद्रमा के रत्न मोती को धारण किया जाता है।
अगर चंद्रमा की महादशा चल रही हो या अंतरदशा हो तो भी इसे धारण करना बहुत अच्छे फल देता है।
शुभ फल देने की स्थिति में होने के बाद भी अगर चंद्रमा के शुभ फल न मिल रहे हों तो भी इसे अवश्य धारण करना चाहिए।
कितना वजन का पहनें मोती
मोती प्रभावशाली रत्न है अत: कुछ ज्योतिषाचार्य इसे शरीर के वजन का 10वां हिस्सा धारण करने की सलाह देते हैं। ज्योतिष विज्ञान की कुछ थ्योरी यह भी कहती है कि मोती 5.25 रत्ती से ज्यादा धारण करना चाहिए इसके अलावा अगर बहुत उच्च स्तर का मोती हो तो वह कम से कम धारण करने पर भी प्रभावकारी होता है।
मोती रत्न खरीदते समय सावधानियां:
अगर ज्योतिषीय प्रभाव के लिए मोती धारण कर रहे हैं तो किसी अनुभवी ज्योतिषाचार्य से सलाह लें।
मोती हमेशा लैब से सर्टिफाइड ही लेना चाहिए। यह जरूर जांच लें कि लैब जो सर्टिफिकेट जारी कर रही है उसमें अपना पूरा पता दे रही है या नहीं।
मोती खरीदने से पहले उसके प्रकार का अध्ययन कर लें क्योंकि बाजार में कई प्रकार के मोती उपलब्ध हैं। तो यह तय करना जरूरी है कि आपको कौन सा धारण करना है।
खरीदते समय सबसे ज्यादा कन्फ्यूजन उसकी कीमत को लेकर ही होती है। कुछ काफी सस्ते तो कुछ बेशकीमती होते हैं ऐसे में जरूरी है कि आप अपना बजट तय करें और उस बजट में रत्न खरीदें।
Online मोती खरीद रहें हैं तो एक बार वेबसाइट की रिर्टन और रिप्लेसमेंट पॉलिसी जरूर पढ़ें और रत्न का सेंपल सर्टिफिकेट भी जरूर देंखे।
बेहतर हो की मोती खरीदने से पहले Online Buy Ruby करने से पहले वेबसाइट के कस्टमर केयर में जरूर बात कर लें उसके बाद ही मोती खरीदें।
मोती से लाभ
अपने क्रोध को शांत करने और मन को व्यवस्थित रखने के लिए सामान्य रूप से कोई भी मोती धारण कर लेता है लेकिन यदि किसी विशेष परिस्थति में किसी ज्योतिषाचार्य ने इसे धारण करने की सलाह दी है तो इसके अद्भुत लाभ हैं:
शांत मन और दिमाग:
मन की चंचलता और दीमाग की अस्थिर स्थिति को सुधारने के लिए सबसे उपयुक्त रत्न मोती है। इसे धारण करने से व्यक्ति को मन शांत और स्थिर रहता है।
मातृ सुख के लिए:
चंद्रमा यदि पीडित है तो व्यक्ति को मातृ सुख नहीं मिलता। ऐसे में मां के आशीर्वाद के लिए मोती अवश्य धारण करना चाहिए। यदि आपकी माता जी की तबियत ज्यादा खराब रहती है तो एक बार अपनी कुंडली में चंद्रमा की स्थिति जरूर देंखें और उपाय करें।
बच्चों के लिए:
बच्चों में 14 साल की उम्र तक केवल और केवल चंद्रामा का प्रभाव ही रहता है। इस कारण से जिन बच्चो में चंद्रमा सही होता है वह खेल कूद पढ़ाई लिखाई हर क्षेत्र में बेहतरीन करते हैं लेकिन जिनका चंद्रमा खराब रहता है उनका बचपन उनके लिए संघर्ष बन जाता है। इसलिए बच्चों को मोती अवश्य धारण करवाना चाहिए।
उत्पत्ति के आधार पर मोती :
बाजार में तीन तरह के मोती है जिसमें सबसे महंगा बसरा मोती है इसे सच्चा मोती भी कहते हैं। इसके बाद दक्षिण सागर मोती आता है और फिर चाइनीज मोती।
बसरा मोती : प्राकृतिक रुप से बने मोती को बसरा मोती कहते हैं यह नेचुरल प्रोसेस से समुद्र में बनते हैं। यह बहुत ही कम मात्रा में उपलब्ध होते हैं। इसलिए इनकी कीमत बहुत अधिक होती है। यह 30000 रू प्रति कैरेट से 200000रू प्रति कैरेट या उससे अधिक में उपलब्ध होता है। इसकी कीमत इसकी उपलब्धता और मांग पर निर्भर करती है।
दक्षिण सागर मोती : इसे South Sea मोती भी कहा जाता है। यह खारे पानी का मोती भी कहलाता है क्योंकि यह समु्द्र मे पैदा किया जाता है। यह सबसे ज्यादा पहना जाने वाला मोती है और ज्योतिषीय रुप से प्रभावकारी है। इसकी कीमत 500 रू प्रति कैरेट से शुरू होती है और 5000 रू प्रति कैरेट तक होती है।
साफ पानी के मोती: मोती की अत्यधिक मांग के कारण इसे साफ पानी में उत्पादित किया जाता है। इसमें सीपी पालन करके उनसे मोती उत्पादित किए जाते हैं। इन्हें चायनीज मोती भी कहते हैं यह बहुत सस्ते होते हैं और आम तौर से उपलब्ध होते हैं। यह 20 रू प्रति कैरेट से 500 रू प्रति कैरेट के बीच में उपलब्ध हैं।