अंग्रेजी में इसे Coral कहा जाता है। ग्रहों के सेनापति मंगल ग्रह का रत्न है। जोकि शक्ति और ऊर्जा का ग्रह है। वास्तव में यह समुद्र में होने वाली वनस्पति है। यह सुंदर लाल रंग का होता है। लाल रंग के अलावा यह संतरी रंग और गुलाबी रंग में भी होता है।
वैज्ञानिक संरचना
मूंगा वास्तव में समुद्र में पाई जाने वाली वनस्पति है। यह एक मात्र ऑग्रेनिक रत्न है और अपनी सेल्फ लाइफ के कारण ही रत्नों में इसकी गिनती होती है। यह Animalia समूह की Coralliidae परिवार में आता है। यह अत्यंत कठोर होता है।
वेदिक ज्योतिष और मूंगा
वेदिक ज्योतिष में मूंगा को मंगल ग्रह का रत्न है। इसे मंगल ग्रह के अच्छे फल प्राप्त करने के लिए धारण कराया जाता है। मंगल ग्रह को ग्रहों का सेनापति कहा गया है। अत: यह ऊर्जा शक्ति हठ आदि से संबंधित है।
जैसे एक सेना में सेनापति होता है अगर वैसे ही रोल आप अपने जीवन में रखते हैं तो यह रत्न आपके लिए सबसे उपयुक्त है।
यह भी क्रूर ग्रह का रत्न है और अपने सकारात्मक या नकारात्मक प्रभाव बहुत तेजी से दिखाता है इसलिए इसे भी धारण करने से पूर्व
पश्चिमी ज्योतिष और मूंगा
पश्चिमी ज्योतिष के आधार पर मूंगा रत्न को तुला राशि Libra Zodiac Sign का बर्थ स्टोन कहा जाता है। ऑर्गेनिक रत्न होने के कारण पश्चिम में इसे प्रकृति से जोड़ने वाला रत्न कहा गया है। यह हृदय को शांत करता है तथा धारण करने वाले को वास्तविकता से परिचय करवाता है।
कौन कर सकता है धारण
यह मंगल का रत्न है और मंगल पराक्रम ऊर्जा और अग्नि का प्रतीक है। इस कारण से ऐसे लोग जो उच्च पदों पर हो उन्हें अपनी टीम में एकाग्रता एकता और एकजुटता बनाए रखने के लिए इसे अवश्य धारण करना चाहिए। यह कुशल सेनापति के गुण पैदा करता है और व्यक्तित्व को प्रभावी बनाता है।
अगर मंगल की महादशा चल रही हो या अंतरदशा हो तो भी इसे धारण करना बहुत अच्छे फल देता है।
शुभ फल देने की स्थिति में होने के बाद भी अगर मंगल के शुभ फल न मिल रहे हों तो भी इसे अवश्य धारण करना चाहिए।
कितना वजन का पहनें मूंगा
मूंगा प्रभावशाली रत्न है अत: कुछ ज्योतिषाचार्य इसे शरीर के वजन का 12वां हिस्सा धारण करवाते हैं तो कुछ 10वां हिस्सा। ज्योतिष विज्ञान की कुछ थ्योरी यह भी कहती है कि मूंगा 5.25 रत्ती से ज्यादा धारण करना चाहिए इसके अलावा अगर बहुत उच्च स्तर का मूंगा हो तो वह कम से कम धारण करने पर भी प्रभावकारी होता है।
मूंगा रत्न खरीदते समय सावधानियां:
अगर ज्योतिषीय प्रभाव के लिए मूंगा धारण कर रहे हैं तो किसी अनुभवी ज्योतिषाचार्य से सलाह लें।
मूंगा हमेशा लैब से सर्टिफाइड ही लेना चाहिए। यह जरूर जांच लें कि लैब जो सर्टिफिकेट जारी कर रही है उसमें अपना पूरा पता दे रही है या नहीं।
मूंगा खरीदने से पहले उसके प्रकार का अध्ययन कर लें क्योंकि बाजार में कई प्रकार के मूंगा उपलब्ध हैं। तो यह तय करना जरूरी है कि आपको कौन सा धारण करना है।
खरीदते समय सबसे ज्यादा कन्फ्यूजन उसकी कीमत को लेकर ही होती है। कुछ काफी सस्ते तो कुछ बेशकीमती होते हैं ऐसे में जरूरी है कि आप अपना बजट तय करें और उस बजट में रत्न खरीदें।
Online मूंगा खरीद रहें हैं तो एक बार वेबसाइट की रिर्टन और रिप्लेसमेंट पॉलिसी जरूर पढ़ें और रत्न का सेंपल सर्टिफिकेट भी जरूर देंखे।
बेहतर हो की मूंगा खरीदने से पहले Online Buy Ruby करने से पहले वेबसाइट के कस्टमर केयर में जरूर बात कर लें उसके बाद ही मूंगा खरीदें।
मूंगा से लाभ
अगर कुंडली के अनुसार अनुभवि ज्योतिषाचार्य से परामर्श लेकर मूंगा धारण किया जाए तो यह बहुत तेजी से आपको शुभ फल देता है।
नेतृत्व क्षमता में बढोत्तरी:
मंगल नेतृत्व का कारक है। कुंडली में जब मंगल मजबूत होता है और शुभ फल देता है तो ऐसे लोग पहले दिन से ही सफल नेता होते हैं। ये लोगों को साथ लेकर आगे चलने में माहिर होते हैं। टीम मैनेजमेंट टीम वर्क जैसी जिम्मेदारी है तो इसे एक बार अवश्य धारण करें।
सैन्य बल और सशक्त बल के लिए:
अगर ऐसे किसी क्षेत्र में जाना चाहते हैं जहां पौरूष और दैहिक शक्ति के प्रदर्शन की आवश्यक्ता हो जैसे सैन्य बल तो मूंगा अवश्य धारण करना चाहिए क्योंकि यह मंगल को मजबूत करेगा और आपके ऐसी जगह से जुड़ने की संभावना बढेंगी।
जमीन व कंस्ट्रक्शन के काम में:
जमीन व कंस्ट्रक्शन से संबंधित काम मंगल के अधीन होते हैं। इन कामों में सफलता के लिए आपको मूंगा अवश्य धारण करना चाहिए।
अग्नि से संबंधित काम:
मंगल अग्नि का कारक है किन्तु ऐसी अग्नि जो काम आ सके। इस प्रकार होटेल का किचन मंगल से संबंधित है, अग्निशमन दल मंगल से संबंधित है और ऐसे कई अन्य कामों में सफलता के लिए मूंगा धारण करना अवश्य लाभदायक होता है।
अच्छा स्वास्थ्य:
मंगल अग्नि और ऊर्जा दोनों से संबंधित है अत: इसका स्पर्श व्यक्ति के शरीर का ताप नियंत्रित रखता है और शरीर को निरोगी रखकर ऊर्जावान बनाए रहता है।
उत्पत्ति के आधार पर मूंगा :
मूंगा भारत इटली और जापान में पाया जाता है। लेकिन बाजार में सबसे ज्यादा इटली का मूंगा पाया जाता है। भारतीय मूंगा जिसे देशी मूंगा भी कहते हैं उसकी उपलब्धता अब बहुत कम हो गई है तथा जापानी मूंगा कीमत में बहुत ज्यादा होता है।
इटली मूंगा : टमाटर के रंग का यह मूंगा देखने में टमाटरी लाल होता है और वर्तमान समय में सबसे ज्यादा खरीदा और बेचा जाता है। ज्योतिषीय रूप से प्रभावकारी मूंगा 500 रू प्रति कैरेट से शुरू होता है और 20000 रू प्रति कैरेट या उससे अधिक होता है। मूंगा की कीमत उसे वजन के अनुसार बढ़ती है और तिकोना मूंगा सामान्य रूप से कैम्स्यूलर मूंगे से कीमत में दो गुना अधिक होता है।
जापानी मूंगा : यह मूंगा सबसे सुंदर होता है और आकार में ओवल और कभी कभी गोल भी होता है। यह 2000 रू प्रति कैरेट से शुरू होता है और 30000 रू प्रति कैरेट तक या उससे अधिक भी जाती है। इनका रंग इटेलियन मूंगे से कुछ हल्का केसरी रंग की ओर गया हुआ होता है।
भारतीय मूंगा : यह पूरी तरह से केसरी रंग लिए हुए होता है। इसका रंग सिंदूरी होता है और यह भी इटेलियन मूंगे के मुकाबले ज्यादा कीमत का होता है। यह 1200 रू प्रति कैरेट से शुरू होता है और 50000 रू प्रति कैरेट या उससे अधिक तक में उपलब्ध होता है।