अंग्रेजी में इसे Ruby कहा जाता है। यह ग्रहों के मुखिया सूर्य का रत्न है। यह सूर्ख लाल रंग का होता है। यह बेशकीमती रत्नों में से एक होता है। इसका नाम रूबी लेटिन के शब्द रूबेर से बना है जिसका अर्थ लाल रंग होता है।
वैज्ञानिक संरचना
माणिक Sapphire की तरह ही कोरंडम श्रेणी के रत्न होते हैं। यह लाल रंग के होते है जिसका कारण इनमें पाया जाने वाला क्रोमियम तत्व है। मोह्स स्केल में इसकी हार्डनेस 9 होती है।
वेदिक ज्योतिष और माणिक
वेदिक ज्योतिष में माणिक को सूर्य ग्रह का रत्न कहा जाता है। इसे सूर्य ग्रह के अच्छे फल प्राप्त करने के लिए धारण कराया जाता है। यह ग्रहों के मुखिया का रत्न है जिसने बहुत अच्छी तरह से पूरे सौर परिवार को संभाला हुआ है और अपनी ऊर्जा से उनका भरण पोषण भी कर रहा है।
इसलिए ऐसा पाया गया है कि इसे धारण करने से व्यक्ति में नेतृत्व क्षमता का विकास होता है और वह पूरी जिम्मेदारी से अपने दायित्वों को पूर्ण करता है। पूरे ब्रह्मांण के लिए सूर्य की ऊर्जा की आवश्यक्ता है इसके बाद भी इसके अद्वितीय तेज के कारण इसे क्रूर ग्रह की श्रेणी में रखा गया है।
नीलम के जैसे इसे भी धारण करने से पूर्ण किसी अनुभवी ज्योतिषाचार्य से परामर्श अवश्य लेना चाहिए। सूर्य सिंह राशि का स्वामी है इसलिए इसे सिंह राशि के लिए राशि रत्न भी कहा जाता है।
पश्चिमी ज्योतिष और माणिक
पश्चिमी ज्योतिष के आधार पर जुलाई माह में जन्में लोगों का बर्थ स्टोन माणिक होता है। तो अगर आपका जन्म जुलाई में हुआ है तो आपका लकी स्टोन अथवा बर्थ स्टोन माणिक है।
कौन कर सकता है धारण
यह सूर्य का रत्न है और सूर्य पराक्रम और नेतृत्व का कारक है। तो ऐसे लोगों को इसे अवश्य धारण करना चाहिए जो राजनीति में जाना चाहते हो उच्च पदों पर जाना चाहते हों या सरकारी नौकरी करना चाहते हैं और इंटरव्यू की तैयारी कर रहे हों।
अगर सूर्य की महादशा चल रही हो या अंतरदशा हो तो भी इसे धारण करना बहुत अच्छे फल देता है।
अगर आपको लगता हो कि समाज में आपकी पद और प्रतिष्ठा में कमी आ रही है तो बिना विलम्ब के इसे धारण कर लेना चाहिए।
कितना वजन का पहनें माणिक
माणिक प्रभावशाली रत्न है अत: कुछ ज्योतिषाचार्य इसे शरीर के वजन का 12वां हिस्सा धारण करवाते हैं तो कुछ 10वां हिस्सा। ज्योतिष विज्ञान की कुछ थ्योरी यह भी कहती है कि माणिक 5.25 रत्ती से ज्यादा धारण करना चाहिए इसके अलावा अगर बहुत उच्च स्तर का माणिक हो तो वह कम से कम धारण करने पर भी प्रभावकारी होता है।
माणिक रत्न खरीदते समय सावधानियां:
अगर ज्योतिषीय प्रभाव के लिए माणिक धारण कर रहे हैं तो किसी अनुभवी ज्योतिषाचार्य से सलाह लें।
माणिक हमेशा लैब से सर्टिफाइड ही लेना चाहिए। यह जरूर जांच लें कि लैब जो सर्टिफिकेट जारी कर रही है उसमें अपना पूरा पता दे रही है या नहीं।
माणिक खरीदने से पहले उसके प्रकार का अध्ययन कर लें क्योंकि बाजार में कई प्रकार के माणिक उपलब्ध हैं। तो यह तय करना जरूरी है कि आपको कौन सा धारण करना है।
खरीदते समय सबसे ज्यादा कन्फ्यूजन उसकी कीमत को लेकर ही होती है। कुछ काफी सस्ते तो कुछ बेशकीमती होते हैं ऐसे में जरूरी है कि आप अपना बजट तय करें और उस बजट में रत्न खरीदें।
Online माणिक खरीद रहें हैं तो एक बार वेबसाइट की रिर्टन और रिप्लेसमेंट पॉलिसी जरूर पढ़ें और रत्न का सेंपल सर्टिफिकेट भी जरूर देंखे।
बेहतर हो की माणिक खरीदने से पहले Online Buy Ruby करने से पहले वेबसाइट के कस्टमर केयर में जरूर बात कर लें उसके बाद ही माणिक खरीदें।
माणिक से लाभ
अगर कुंडली के अनुसार अनुभवि ज्योतिषाचार्य से परामर्श लेकर माणिक धारण किया जाए तो यह बहुत तेजी से आपको शुभ फल देता है।
नेतृत्व क्षमता में बढोत्तरी:
सूर्य नेतृत्व का कारक है। कुंडली में जब सूर्य मजबूत होता है और शुभ फल देता है तो ऐसे लोग पहले दिन से ही सफल नेता होते हैं। इसलिए अगर राजनीतिक अभिलाषा है तो एक बार कुंडली में सूर्य की स्थिति का अवलोकन जरूर ही करवा लें।
सरकारी नौकरी के लिए:
सरकारी नौकरी प्राप्त करने के लिए व्यक्ति की कुंडली में सूर्य का मजबूत होना बहुत आवश्यक है। यदि ऐसा है तो सरकारी नौकरी अवश्य मिलती है। माणिक धारण करने से सरकारी नौकरी की संभावनाएं बढ़ जाती हैं।
सामाजिक व आर्थिक क्षेत्र में वृद्धि:
सामाजिक क्षेत्र में बलशाली और प्रभावशाली व्यक्तित्व बनता है और आर्थिक क्षेत्र में भी काफी लाभ होता है।
स्वास्थ्य में सुधार:
माणिक धारण करने से स्वास्थ्य में भी बहुत तेजी से सुधार आता है। व्यक्ति बहुत तेजी से इंफेक्शन जैसे रोगों से मुक्ति पाते हैं।
पिता से मधुर संबंध:
सूर्य को वेदिक ज्योतिष में पिता का तमगा दिया हुआ है। इसलिए सूर्य को मजबूती देने से पिता को मजबूती मिलती है और ऐसे व्यक्तियों के पिता के साथ संबंध अच्छे होते हैं।
उत्पत्ति के आधार पर माणिक :
माणिक बर्मा मोजाम्बिक अफगानिस्तान और भारत में पाया जाता है लेकिन ओल्ड बर्मा के नाम से बाजार में उपलब्ध माणिक सबसे ज्यादा कीमती होता है।
बर्मा माणिक : ओल्ड बर्मा माणिक गहरा गुलाबी रंग लिए होते हैं। अधिक मांग और कम उपलब्धता के कारण यह बहुत महंगे होते हैं। यह 25000 रू प्रति कैरेट से 5लाख रू प्रति कैरेट या अधिक के मिलते हैं। इसमें कोई शक नही है कि यह रत्न भी ज्योतिषीय रूप से प्रभावी होते है।
यही न्यूबर्मा माणिक होते हैं यह सुंदरता के आधार पर लाल से गुलाबी रंग की गहराई के अनुसार 600 रू प्रति कैरेट से 5000 रू कैरेट या अधिक का होता है।
मोजाम्बिक माणिक : सुंदरता के आधार पर यदि देखा जाए तो ओल्ड बर्मा के बाद मोजाम्बिक माणिक ही आता है। यह चमक लिए हुए लाल रंग के होते हैं। यह अपनी सुंदरता के आधार पर 5000 रू प्रति कैरेट से 2 लाख प्रति कैरेट या अधिक का होता है।
भारतीय माणिक : सुंदरता में यह सबसे कम सुंदर होता है। गहरे रंग का होता है और कीमत में सबसे सस्ता होता है। यह हल्के गुलाबी रंग से शुरू होकर गहरे लाल रंग (कलेजी रंग) में होता है। इसकी कीमत 200 रू प्रति कैरेट से 2500 रू प्रति कैरेट होती है। लेकिन अच्छी बात यह है कि यह माणिक भी ज्योतिषीय रूप से प्रभावशाली होता है और मांग कम होने के कारण बाजार में इसके नकली प्रतिरूप भी न के बराबर हैं।