विवरण
मंगल ग्रह से संबंतिध तीन मुखी रुद्राक्ष धारण करने वाले को ऊर्जा और शक्ति से भर देता है। यह अग्नी देव से संबंधित होता है तथा आत्म शुद्धि के लिए सबसे उपयुक्त होता है।
इसको धारण करने वाले व्यक्ति सदैव ऊर्जा से भरे रहते हैं। अगर कोई सेना, आर्मी आदि किसी भी प्रकार से सशस्त्र बल में शामिल होकर अपना करियर बनाना चाहता है तो यह सबसे उपयुक्त रूद्राक्ष होता है।
आवश्यक बिंदु:
- मंत्र: ऊं क्लीं नम: मंत्र का जाप करें तो इसका अत्यधिक प्रभाव प्राप्त होगा।
- देवता: अग्नि देव इससे संबंधित देवता हैं।
- ग्रह: मंगल के अच्छे प्रभाव के लिए इसे धारण किया जाता है।
- राशि: मेष और वृश्चिक राशि के जातक इसे अवश्य धारण करें यह उनके लिए भाग्य वर्धक होता है।
- उत्पत्ति:हिमालय के जंगलों में यह रूद्राक्ष का वृक्ष होता है।
महत्व
- कुंडली में मंगल शुभ फल देने की स्थिति में न हो, कमजोर हो या वक्री हो रहा हो तो इसे धारण करना अत्यंत लाभकारी होता है।
- यह रूद्राक्ष शक्ति का प्रतीक है अत: इसे धारण करके शक्ति तथा ऊर्जा प्राप्त की जा सकती है।
- अग्नीदेव से संबंधित यह रूद्राक्ष मन तथा आत्मा को शुद्ध करने की शक्ति रखता है। इसलिए वह व्यक्ति जिसके विचार दूषित हो या वह जो अपने किए पापों से मुक्ति चाहता हो इसे धारण कर यदि प्रायश्चित करें तो उसके पाप कट जाते हैं।
- इसलिए यह भी कहा जाता है कि इस रूद्राक्ष को धारण करने से पूर्व जन्म के पापों से भी मुक्ति मिल जाती है।