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त्रिजुटी रुद्राक्ष

विवरण


प्राकृतिक रूप से जब तीन रुद्राक्ष आपस में जुड़े हुए पाए जाते हैं तो उन्‍हें त्रिजुटी कहते हैं। यह रुद्राक्ष त्रिशक्ति भगवान विष्‍णु, भगवान शंकर और ब्रह्म देव का सम्‍म‍िलित स्‍वरूप माना जाता है।

इस रुद्राक्ष को धारण करना अतिशुभ माना गया है और कहा जाता है सभी रुद्राक्षों में श्रेष्‍ठ इस रुद्राक्ष को जो भी धारण करता है उसे कभी कोई परेशानी छू कर नहीं गुजरती।

यह रुद्राक्ष बहुत ही दुर्लभ है। यह जितना दुर्लभ है उतना ही प्रभावशाली इसलिए जो व्‍यक्ति इसकी महिमा से अवगत है वह इसे जरूर धारण करता है।

धारण करने के लाभ

प्रयोग विधि

इस रुद्राक्ष को गले में धारण किया जाता है।

इसे घर या दुकान के मंदिर में स्‍थापित करके इसकी रोज पूजा की जाए तो भी इसके अतिशुभ फल प्राप्‍त होते हैं।